सप्तक के क्रमिक 7 स्वरों का वह समूह जिससे राग की
उत्पत्ति हो सके उसे थाट या मेल कहते है । स्वर्सप्तक, मेल,थाट अथवा ठाठ समानार्थक
शब्द है । प्राचीन ग्रंथों में मेल शब्द ही मिलता है जिसे हम आज थाट कहते है ।
अभिनव राग मंजरी में कहा गया है–
मेल स्वर समूह: स्याद्राग व्यंजन शक्तिमान
अर्थात्
स्वरों के उस समूह को मेल या ठाट कहते हैं, जिसमें
राग उत्पन्न करने की शक्ति हो।